आज बिश्रामपुर में एक दुखद घटना के कारण शोक की लहर दौड़ गई। इस अवसर पर मैं शोक संतप्त परिवार से मिलने और उन्हें अपनी गहरी संवेदना प्रकट करने के लिए वहाँ पहुँचा। परिवार के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है, और इस कठिन घड़ी में हम सभी उनके साथ खड़े हैं।
शोक की इस घड़ी में शब्दों से अधिक हमें एक-दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए। मैंने परिवार को ढांढस बंधाया और ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति मिले।
हम सब इस दुख की घड़ी में उनके साथ हैं और हर संभव सहायता देने के लिए तत्पर हैं।"