1050 एकड़ की जमीन अदानी समूह को मात्र ₹1 प्रतिवर्ष पर सौंपना किसानों के साथ अन्याय और उनके अधिकारों की अवहेलना है।
यह निर्णय किसान विरोधी नीति का प्रतीक है, जो आम किसान की मेहनत और संपत्ति की अनदेखी करता है। हम स्पष्ट रूप से कहते हैं — ऐसे कदम लोकतंत्र और न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
किसानों के हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है, और हम हर संभव प्रयास करेंगे कि यह अन्याय कभी स्वीकार न हो।