आज अपने क्षेत्र के बावनबांध गांव पहुंचकर श्री प्रेमनाथ राम जी के पुत्र के असामयिक निधन पर शोकाकुल परिवार से भेंट की और गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। यह दुःखद घटना पूरे गांव के लिए अत्यंत पीड़ादायक है, जिसने सभी को शोक में डुबो दिया है।
दिवंगत युवक का स्वभाव बेहद सरल, मिलनसार और अनुशासित था। वह न केवल अपने परिवार का सहारा थे, बल्कि समाज में भी उनका एक विशेष स्थान था। उनके असमय जाने से परिवार को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई संभव नहीं है।
ईश्वर से प्रार्थना की गई कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें। इस कठिन समय में पूरा गांव, समाज और क्षेत्र उनके साथ खड़ा है। यह शोक की घड़ी हम सभी को यह याद दिलाती है कि जीवन अत्यंत अनमोल है और हमें एक-दूसरे के सुख-दुख में सदैव साथ खड़ा रहना चाहिए।