"आज समाज में दो विचारधाराओं के बीच संघर्ष स्पष्ट रूप से दिखाई देता है—एक ओर समता और समानता के समर्थक हैं, तो दूसरी ओर वे लोग जो असमानता को बनाए रखने का समर्थन करते हैं। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और न्यायिक असमानता को समाप्त करना ही हमारी राजनीति का केंद्र बिंदु होना चाहिए, क्योंकि इसके बिना मानवीय मूल्यों की रक्षा संभव नहीं है।"
उक्त विचार ऑल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एस. एल. ठाकुर ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, "हमारे संविधान और कानून ने हमें समानता की रक्षा का अधिकार दिया है, साथ ही उसमें परिवर्तन करने का अधिकार भी प्रदान किया है, बशर्ते कि वह बदलाव मानवीय मूल्यों को सुरक्षित रखते हुए किया जाए। दुर्भाग्यवश, हम सत्य-असत्य, न्याय-अन्याय और समता-शोषण जैसे मूल विषयों पर चिंतन करने के बजाय, राजनीति को व्यक्ति और समाज की आलोचना तक सीमित कर देते हैं।"
श्री ठाकुर ने आगे कहा कि, "अब समय आ गया है कि हम संविधान और कानून के सही पक्ष में खड़े हों, अन्याय का विरोध करें, और न्याय की रक्षा के लिए संगठित हों। सही को सही और गलत को गलत कहने की क्षमता ही समतामूलक समाज की स्थापना की ओर पहला कदम होगी। यही सोच राजनीतिक जागरूकता को एक नई दिशा देगी और मानवीय मूल्यों के संरक्षण की नींव रखेगी।"
उन्होंने सभी से आह्वान किया कि, "आइए, इस अभियान को अभी से आगे बढ़ाएं—राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ!"